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* Value Addition Taxes
Vat के अंतर्गत कर का ढाचा फैला होगा ?राज्य सरकार का उदेश्य राजस्व की परंपरा बनाये रखना है यानि वर्तमान प्रणाली द्वारा जो राजस्व वसूला जा रहा है Vat के अंतर्गत की उतनी राशि की उपेक्षा की जाती है चूकी सिद्धांत Vat के अंतर्गत का वह वसूली दर का ढाचा (4%, 8%, 12%) व दो विशेष दर एवं 1%, 2% को बदला गया हालांकि व्याहरिक तौर पर यह अनुभव किया गया है की Vat लागू करने हेतु शरण ढांचे की आवश्यकता होती है यानि और भी काम स्तरों की ।
1.Vat की गणना कैसी की जाती है ?
व्यवहारिक द्वारा किसी भी तिमाही के दौरान देकर भी गणना निम्न प्रकार फमुला से की जा सकती है Vat करने देनदारी आवक कर जमा |
2.कर देनदारी क्या है ?(Input Tax Credit ?)
मान लीजिए हमारी कंपनी ने 100 की खरीदा और इसमें फायदा कमाते हुए 1200 रूपया का माल बेच दिया या विक्री कर दी तो इस स्थिती मे सरकार को कुल Vat 4% की दर से 48 रूपया देनदारी होगी अब चुकी हमने माल खरीदते वक्त 4% की दर 40 रूपया का भुगतान पहले ही कर चुके है तो हमारी रूपया की होगी | संदर्भित तिमाही के दौरान बेची गयी वस्तुओ पर अपने ग्राहक से व्यापारी जो कर (स्थानीय तथा केंद्रीय विक्री कर ) वसूल करता है वही व्यापारी की दर देनदारी।
व्यापारी द्वारा ग्राहक से क्या कर वशुला करता है वही व्यापारी की कर देन दारी है|
व्यापारी द्वारा ग्राहक से क्या कर वशुला जाएगा स्थानीय विक्री के मामले मे विक्रय मूल्य पर लागू स्थानीय मूल्य संघम की दर से दर कर Tax लगाकर | अंतराज्य विक्री के मामले मे विक्रय मूल्य पर लागू केंद्रीय मूल्य संघधर्म की दर से Tax लगाकर |
3.निर्यात के मामले मे:- शून्य (0)दूतावास दादि की विक्री के शून्य
क्या इसमें कोई फर्क पड़ता है यदि व्यापारी पंजीकृत विक्री करता है या उपभोक्ता को विक्री करता हैं या उपभोक्ता है ? स्थानीय विक्रिया मे वशुला किया जाने वाले Tax मे कोई अंतर नही होता है चाहे वह पंजीकृत विक्री हो इसलिए Vat नही होते प्रणाली मे कोई स्थानीय वैधानिक कर्म नही होते है। हालांकि केंद्रीय विक्रिया के मामले मे वर्तमान व्यवस्था से कर्म के बदले 4% एवं सी कर्म को 12.5% अर्थ स्थानीय विक्री मे पंजीकृत विक्री का कोई प्रवधान नही|
4.Input Tax ? (आवक कर क्या है?) स्थानीय तौर पर हम जो वस्तुओ खरीदते है उनपर Vat लगा होता है यानि उनपर स्थानीय व्यापारी है तो आप सामान्य तौर पर अपनी व्यापारिक खरीदो पर लगाए जा चुके Tax का समापन फायदा ले सकते है| यही आपका आवक कर (input Tax ) आवक कर वह स्थानीय कर है जो आप संदर्भित तिमाही के दौरान सभी खरीदो पर आपने supplier को अदा कर चुके है।
5.Input Tax Credit (आवक कर जमा ) :- संदर्भित तिमाही के दौरान आपके द्वारा की गयी credit योग्य खरीदो पर अपना supplier (आपूर्तिकर्ता ) कर ही आवक कर जमा (input Tax Credit ) कहलाता है
5.Input Tax Credit (आवक कर जमा ) :- संदर्भित तिमाही के दौरान आपके द्वारा की गयी credit योग्य खरीदो पर अपना supplier (आपूर्तिकर्ता ) कर ही आवक कर जमा (input Tax Credit ) कहलाता है
6.Credit योग्य खरीद क्या है ?
- इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा लेने के लिये यह जरूरी है कि आप वस्तुओ का खरीद निम्न प्रयोजन हेतु कर रहे हैं|
- विक्री या पुनः विक्री हेतु
- वस्तुओ के निर्माण या उत्पादन प्रक्रिया मे
- कच्चे माल कि तरह
- पूँजीगत वस्तुओ की तरह इसका प्रयोग करने हेतु
- वस्तुओ की पैकिंग इसके अलावा यह भी जरूरी है कि
- तैयार वस्तुये जिनमें आवक वस्तुओ (खरीद गयी वस्तु ) प्रयुक्त की गयी है छुट-प्राप्त नही होना चाहिए तथा तैयार माल विक्री या पुनः विक्री हेतु होना चाहिए |
- आपूर्तिकर्ता जारी किये गये Tax in Voice की मूल प्राप्ति व्यापारी के पास होना चाहिए|
- आपूर्तिकर्ता जिसमे आपने वस्तुए खरीदी है पंजीकृत व्यापारी होना चाहिए संदर्भित तिमाही के दौरान की गयी खरीद जो कि उपर्युक्त शर्तो का पालन कर रही है कि Credit योग्य खरीद कहा जाएगा|
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